रविवार, 28 दिसंबर 2008

सरकार ने डंगस और देवासी को हटाया

जयपुर। राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष सरदार सिंह डंगस व राज्य पशुपालक बोर्ड अध्यक्ष आ॓टाराम देवासी का मनोनयन समाप्त कर दिया है।
राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष शशिकांत शर्मा व आयोग सदस्यों का कार्यकाल पिछले सप्ताह समाप्त हो गया था। सरकार ने इनका कार्यक्रम नहीं बढ़ाने का निर्णंय किया है। साकाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के अधिकार सूत्रों ने यह जानकारी दी। अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग, पशुपालन बोर्ड के अन्य पदाधिकारी व सदस्यों को भी हटा दिया गया है। इनके अतरिक्त पिछली सरकार के कार्यकाल में गठित राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न निवारण समिति, नि:शक्तजन संबंधी कानून के तहत गंिठत स्टीयरिंग व कार्यकारी समितियों के सदस्य तथा राइन सदस्य भी हटा दिए गए हैं। खाघ, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की आ॓र से जारी आदेश के अनुसार उचित मुल्य दुकान दुकान आवंटन सलाहकार समिति, उचित मुल्य दुकान स्तरीय सतर्कता समिति तथा खान विभाग के आदेशा अनुसार राजस्थान राज्य खनिज सलाहकार परिषद व राजस्थान राज्य खनिज सलाहकार परिषद की खान सचिव की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति के गैर सरकारी सदस्यो का मनोनयन समाप्त कर दिया गया है।राज्य सरकार ने बृजभाषा अकादमी के अध्यक्ष कृष्ण चन्द्र गोस्वामी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जोशी ने कहा कि लोकतंत्र का तकाजा है कि सरकार बदलने के साथ ही भाजपा राज में बोर्ड-निगमों में नियुक्त हुए लोग नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दें। 

बुधवार, 24 दिसंबर 2008

पंचायत चुनाव दलगत नहीं हों-भरतसिंह

कोटा । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भरत सिंह का मानना है कि पंचायती राज के चुनाव दलगत राजनीति से नहीं होने चाहिए। पंचायत स्तर पर राजनीतिक विभाजन ठीक नहीं है। 
यह बात उन्होंने मंगलवार को सर्किट हाउस में जन अभावों की सुनवाई के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सरपंचों की निष्ठा खुद के कार्योü पर ज्यादा है, जनता की समस्याओं को दूर करने में उनकी रूचि नहीं है। नरेगा जैसी योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो जाए तो गांवों की तस्वीर ही बदल जाएगी। अभी राज का तेल झोली में ओटने जैसी स्थिति है। 
उन्होंने कहा कि कोटा जिले में नरेगा और ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में कमियां है। जब तक गृह जिले की कमियां दूर नहीं होंगी पूरे राज्य की बात करना उचित नहीं होगा। 

राजस्थान में 8 बजे बंद होंगी शराब की दुकानें


जयपुर। राजस्थान में अब शराब की दुकानें रात 8 बजे ही बंद होंगी। राजस्थान की नवनिर्वाचित अशोक गहलोत सरकार ने शराब की दुकानों के लिए नई समय सारणी जारी की है। इस सारणी के अनुसार राज्य भर में सुबह नौ बजे से रात 11 बजे की जगह अब शराब की बिक्री सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक ही की जाएगी। सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग ने यह आदेश आज से ही लागू कर दिया है। वहीं, होटल बार और रेस्तरां बार के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। रेस्तरां बारों में रात 11 बजे तक शराब मिलेगी। जबकि होटल के बारों में 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। 

मंगलवार, 23 दिसंबर 2008

सम्भाल ली कुर्सी



जयपुर । महमकमे आवंटित होने के बाद अधिकतर केबिनेट एवं अन्य मंत्रियों ने सोमवार को सचिवालय में कुर्सी सम्भाल ली। मंत्रियों के आने की सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों ने मालाओं और गुलदस्तों से उनका स्वागत किया। कुछ मंत्रियों ने अपने विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक कर विभागीय कामकाज के बारे में जानकारी की।
विभाग आवंटित होने के बाद सोमवार को पहला कामकाजी दिन था। हालांकि, यह दिन अधिकारी, कर्मचारी और मिलने वालों के साथ ही बीत गया। सम्बंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों में अपने नए मंत्री के स्वागत करने का जोश था। कोई समूह में तो कोई अकेले गुलदस्ता-फूल माला लेकर पहुंचा और बधाई दी। कुछ ने अपनी समस्याएं सुनाईं। सचिवालय के बाहर व गलियारों में खासी रौनक दिखाई दी, जो पिछले दिनों नहीं दिख रही थी।
सबसे पहले पहुंचे काक व धारीवाल
सचिवालय में सबसे पहले पर्यटन मंत्री बीना काक और उद्योग मंत्री शांति धारीवाल पहुंचे। दोनों ने लोगों से मिलने के साथ ही अपने विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और विभाग की स्थिति की जानकारी ली। इनके कुछ देर बाद ही राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, जनजाति विकास मंत्री महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, कृषि मंत्री हरजीराम बुरडक और परिवहन मंत्री बृजकिशोर शर्मा भी सचिवालय पहुंचे। श्रम व स्कूल शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल दोपहर बाद तीन बजे सचिवालय आए। 
ये नहीं आए
चिकित्सा मंत्री एमादुद्दीन खान अहमद, सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा, पंचायतराज मंत्री भरत सिंह, सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में होने के कारण सचिवालय नहीं पहुंचे। जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा और खादी व ग्रामोद्योग राज्य मंत्री श्रीमती गोलमा देवी भी सचिवालय नहीं पहुंचीं। 
मंत्रियों से प्राथमिकता को लेकर बातचीत
ऎसी बस जिसमें कांच नहीं हो या सीट खराब हो, नहीं चलेंगी। एक हफ्ते में दुरूस्त करने के निर्देश दे दिए हैं। अवैध वाहनों की रोकथाम चुनौती होगा। सरकार वृद्धों, दफ्तर जानेवाली महिलाओं और कॉलेज-स्कूल के विद्यार्थियों को बेहतर परिवहन व रियायतें देने के बारे में सोचेगी। ओवलोडिंग रोकी जाएगी, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आ सके। किराया कम हो सकता है या नहीं, इसके लिए वित्त आदि विभागों से सलाह ली जाएगी। शहर में बडी बसों से यातायात बाधित होता है, इस दिशा में भी सोचा जाएगा। संस्कृत भाषा के प्रति लोगों का लगाव बढ रहा है, इसके प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करना उद्देश्य होगा
बृज किशोर शर्मा, परिवहन और संस्कृत शिक्षा मंत्री
कृषि लागत बढ गई है। महंगाई के हल्ले में खाद, बीज, दवाएं आदि की दरें बढ गईं। अब इन्हें किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नियंत्रित करना है। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि किसानों के हित में उत्पादन मूल्य भी बढे। पशुओं की नस्ल सुधार के लिए काम किया जाएगा। गायों की संख्या में कमी हो गई है, जिससे पर्यावरण संतुलन बिगड गया है। इस क्षेत्र में भी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है।
हरजीराम बुरडक, कृषि एवं पशुपालन मंत्री
पर्यटन क्षेत्र का संरक्षण वैसा ही होगा, जैसा उसे दिखना चाहिए। पर्यटकों के आतिथ्य के साथ-साथ सुरक्षा देना प्राथमिकता होगी। सरकार का मानना है कि पर्यटक अपने आप को टैक्सी, होटल व पर्यटन स्थलों पर सुरक्षित महसूस करे। राजस्थान पर कोई दाग न लगे और किसी भी पर्यटक के साथ कोई हादसा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इधर, महिलाओं को सशक्त किया जाएगा और ध्यान देंगे कि बच्चे कुपोषण का शिकार न हों।
बीना काक, पर्यटन व महिला एवं बाल विकास मंत्री
राज्य में शिक्षा के गिरते स्तर को ठीक किया जाएगा। हम पेरा टीचर्स को प्रबोधक बनाकर जिले से बाहर भेजने जैसा काम नहीं करेंगे। शिक्षकों के तबादले भी इस तरह किए जाएंगे कि किसी स्कूल में ताले नहीं लगे। भाजपा सरकार ने अगर पाठ्यक्रम में कोई बदलाव किया है तो इसकी समीक्षा की जाएगी। मेरी इच्छा है कि प्राथमिक व उ“ा प्राथमिक स्कूलों को पंचायतीराज को दिया जाए, भले उनका विभाग शिक्षा ही रहे, फैसला तो मंत्रिमंडल को करना है। 
मास्टर भंवर लाल मेघवाल, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री
रिसर्जेüट राजस्थान में जो कुछ हुआ, उसे दिखवाऊंगा और ऎसा वातावरण बनाने का प्रयास करूंगा कि राजस्थान से अधिक से अधिक उद्योग आएं और निवेश का वातावरण बने। राजस्थान से अब तक दूर रहे प्रवासियों को भी यहां से जोडने की कोशिश होगी।शांति धारीवाल, उद्योग मंत्री
किसानों को अपने खेतों में जाने व पानी ले जाने के लिए रास्ता देने के नियम बनाए जाएंगे। उनकी प्राथमिकता यह भी रहेगी। किसानों की राजस्व सम्बंधी समस्याओं को निपटाया जाएगा।
हेमाराम चौधरी,राजस्व मंत्री
मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र का पूरा बजट खर्च होना चाहिए, बल्कि स्थिति यह होनी चाहिए कि हमें केन्द्र से और पैसा मांगना पडे। जहां तक आईआईटी का मामला है, मैं यह देखूंगा कि इसकी सम्भावनाएं और कहां हैं। 
महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, जनजाति विकास क्षेत्र और तकनीकी शिक्षा मंत्री
अलवर के साथ ही पूरे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर ध्यान दूंगा। क“ाी शराब के अवैध धन्धे में लिप्त लोगों का बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा संस्थानों व उद्योगों को बढावा दिया जाएगा।
एमामुद्दीन अहमद, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री 
आम आदमी को सहकारिता से जोडने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा सहकारी बैंको को मजबूत बनाना, सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को ऋण उपलब्ध कराना, किसानो को समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराना, ग्राम सहकारी समिति में पारदर्शिता रखना एवं उपभोक्ताओं को भी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकताओं में रहेगी।
परसादी लाल मीणा, सहकारिता मंत्री
अधिकारी बैठकों में आवश्यक रूप से उपस्थित हो इसके लिए मैं बिना पूर्व सूचना के कहीं भी किसी भी बैठक में जाऊंगा जिससे कि अधिकारी बैठकों में तय समय पर उपस्थित रहें और पूरी तैयारी से आएं। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि पंचायत राज के छोटे से छोटे व्यक्ति की समस्या का निराकरण हो। ग्रामीण विकास के लिए प्राप्त होने वाले करोडों रूपए का लाभ आमजन तक पहुंचे। 
भरत सिंह, पंचायतराज मंत्री
चुनौतियां
परिवहन विभाग
*अवैध वाहनों के संचालन की रोकथाम। खासकर कंडम जीप व जुगाड।*सवारियों व माल की ओवरलोडिंग पर रोकथाम *राजमार्गो व शहरों में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना। *रोडवेज को घाटे से उबारना, पर्याप्त परिवहन साधन। *शहरी परिवहन को व्यवस्थित करना।
कृषि एवं पशुपालन विभाग
*कृषि विस्तार कार्यक्रम को मजबूत करना, नए अनुसंधानों को खेतों तक पहुंचाना।*खाद व गुणवत्ता वाले बीजों की उचित व्यवस्था। *कम्पनियों और विभाग के बीच कमीशनखोरी बंद कर किसानों के हित को अहमियत देना। *पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों व पशुधन सहायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करना।*नस्ल सुधार के तहत विशेष कार्यक्रम चलाना।
पर्यटन विभाग
*पिछले दिनों विदेशी पर्यटकों पर हुए हमलों को देखते हुए पर्यटन क्षेत्रों पर सुरक्षा का माहौल देना। *पिंक सिटी जयपुर, शेखावाटी, हाडोती, मेवाड, मारवाड आदि क्षेत्रों की हवेलियों का जीर्णोद्धार व इन क्षेत्रों का पर्यटन के लिहाज से विकास। *पर्यटकों की ठहरने आदि की सुविधाओं के लिए होटल नीति का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन।*पर्यटन पुलिस व्यवस्था को सुदृढ करना।
शिक्षा
*स्कूलों के लिए पर्याप्त शिक्षक, भवन व अन्य सुविधाएं। *गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षकों के खाली पद भरना। *बच्चों को परीक्षाओं में अंकों के लिए कडी प्रतिस्पर्द्धा से उत्पन्न मानसिक तनाव से बचाना। *राज्य में अधिक से अधिक प्रतिष्ठित उ“ा शिक्षण संस्थानों की स्थापना।
पेयजल एवं सिंचाई
*मौजूदा पेयजल एवं सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करना। *मौजूदा सिंचाई तंत्र का पुनरोद्धार। *पर्याप्त एवं स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति। *जल संरक्षण व सतही पानी के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करना, स्प्रिंकलर व बूंद-बूंद सिंचाई को बढावा। *रावी-व्यास, यमुना व नर्मदा के हिस्से का पूरा पानी लेना, इंदिरा गांधी नहर को पूरा करना।
स्वास्थ्य 
*स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच सुविधाओं का विस्तार। *नीम-हकीमों पर रोक व चिकित्सकों की अस्पताल से बाहर प्रेक्टिस पर नियंत्रण। *नकली दवाओं की बिक्री पर निगरानी। *चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों की कमी दूर करना, उनके रिहाइश का इंतजाम। *मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर पर काबू।
ग्रामीण विकास व पंचायती राज
*पंचायती राज संस्थाओं को धन, कार्य व स्टाफ का हस्तांतरण। *ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक सुविधाओं का विस्तार। *ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को अनियमितता की छाया से बचाए रखना। *पंचायती राज के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाना। *पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी बढने पर उनको अफसरशाही के चंगुल से बचाना।
राजस्व विभाग 
*निजी संस्थाओं को भू-आंवटन के नए नियम बनाना। *नए काश्तकारी अधिनियम को लागू कराना। *किसानों की राजस्व सम्बंधी समस्याओं के निपटारे के लिए मजबूत व्यवस्था। *शहरी निकायों को शहरों से सटी जमीनों का आवंटन कर राजस्व बढाना।

सोमवार, 22 दिसंबर 2008

आम आदमी की है मेरी सरकार: गहलोत

Dec 20, 11:23 pm
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार खास आदमी की सरकार थी। वहीं उनकी सरकार आम आदमी की सरकार है। इसलिए वे आम आदमी के हितों का ध्यान रखकर फैसले करेंगे। गहलोत ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह राजधानी जयपुर में ही होने चाहिए। केंद्र सरकार भी दिल्ली में ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करती है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने संभागीय मुख्यालयों पर ऐसे समारोह मनाने की शुरुआत जिस उद्देश्य से की थी वे पूरे नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का अगला विस्तार विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद होगा। गुर्जर समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने संबंधी सवाल पर गहलोत ने कहा कि गुर्जर विधायकों ने ही मलमास के कारण कुछ दिन ठहरकर शपथ लेने की बात कही थी। अगले विस्तार में सभी समाजों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

राज्य सरकार की घोषणा का स्वागत

Dec 21, 11:17 pm
जयपुर, राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी को परंपरागत रूप से एसएमएस स्टेडियम पर करने की राज्य सरकार की घोषणा का नागरिक मोर्चा ने आभार व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता एवं मोर्चा के संयोजक पं. सुरेश मिश्रा ने कहा कि यह जनता की जीत है जयपुर कीक जनता नागरिक एवं सामाजिक संगठनों ने परंपराओं से निर्वहन के लिए पिछली सरकार से तीन वर्षो तक संघर्ष किया है। इसी कारण बाद में न्यायालय में गए परिवादी एडवोकेट कमलेश शर्मा के परिवाद पर पुलिस अधीक्षक विशाल बंसल, ए.डी.एम. जगदीश भादु एवं एस.डी.एम. रमेश शर्मा के गिरफ्तारी वारंट जारी हुए थे और यह मामला न्यायालय में चल रहा है। उस समय जयपुर के जनसंगठनों ने बड़ा आंदोलन किया था। अब राजस्थान प्रदेश में कांग्रेस प्रशासन आते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय पर्व राजधानी जयपुर में एसएमएस स्टेडियम में ही मनाने की परंपरा को निर्वहन करने की घोषणा की। मिश्रा ने इस कदम को जयपुर की जनता एवं नागरिक मोर्चा के आंदोलन की जीत बताया व हर्ष व्यक्त किया।

आबकारी नीतियों में हो सकता बदलाव

Dec 21, 11:23 pm
जयपुर, चुनावों के दौरान पिछली भाजपा सरकार की आबकारी नीति एक बड़ा मुद्दा थी व कांग्रेस ने इसको लेकर सरकार पर हमले किए थे। नई सरकार इस आबकारी नीति को जल्दी ही बदलना चाहेगी, लेकिन यह काम काफी कठिन होगा। शराब पर आबकारी कर के माध्यम से सरकार को सर्वाधिक 17 सौ करोड़ रुपये की वार्षिक आय होती है। इससे शराब नीति को ढंग से बनाया गया, उसमें राज्य में शराब की दुकानों में काफी वृद्धि हो गई। सामान्यत: अगले वित्ता वर्ष के लिए शराब के ठेकों के आवंटन का काम जनवरी में आरंभ हो जाता है व फरवरी तक अधिकांश लाइसेंस आदि जारी कर दिए जाते हैं। चूंकि वर्तमान स्थिति को बदलने के लिए वर्तमान शराब नीति में आमूलचूल परिवर्तन किया जाना जरूरी है। इसलिए इस काम को अगर तुरंत करने की दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो सरकार के पास अपनी नई आबकारी नीति को लागू करने का अधिक समय नहीं होगा। चूंकि वर्तमान सरकार नीतिगत निर्णय केवल विश्वास का मत प्राप्त करने के बाद ही ले सकेंगी, इसलिए यह समय अवधि और भी कम हो जाएगी। चूंकि लोकसभा चुनाव अप्रैल में होने की संभावना है, इसलिए आचार चुनाव संहिता फरवरी के अंत तक लागू हो जाएगी। ऐसी स्थिति में सरकार कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं कर पाएगी। समझा जाता है नई सरकार ने विभाग के अधिकारियों को ऐसी नई आबकारी नीति के प्रस्ताव तैयार करने को कहा है जिससे शराब की बिक्री को प्रोत्साहन नहीं मिलता हो, पर इसके साथ सरकार को यह भी देखना है कि इस मद से होने वाली आय ज्यादा कम नहीं हो। चूंकि बिक्री तथा ऐसे करों की दरों में लगातार कमी से राजस्व में कमी आती दिख रही है, इसलिए सरकार आबकारी मद के राजस्व आय में ज्यादा कमी करने की स्थिति में नहीं है।

मुख्यमंत्री से मिलते ब्राह्मण नेता

Dec 21, 11:23 pm
जयपुर, दाधीच ब्राह्मण समाज का प्रमुख प्रांतीय संगठन अखिल राजस्थान दाधीच ब्राह्मण महासभा द्वारा यहां सिविल लाइंस स्थित राज्य के नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंटकर उन्हें राज्य का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर पूरे दाधीच ब्राह्मण समाज की ओर से हार्दिक बधाई दी व उनका अभिनंदन किया। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष पं. योगेश शर्मा दाधीच के नेतृत्व में गहलोत से भेंट करने वालों में महासभा के सभाध्यक्ष वैद्य नवल किशोर शर्मा, उपाध्यक्ष अशोक मिश्रा, महामंत्री सुरेंद्र भाभड़ा, मंत्री पं. चंद्रमोहन दाधीच, संजय दाधीच, कोषाध्यक्ष नाथूलाल शर्मा, महिला प्रकोष्ठ की महामंत्री स्नेहलता दाधीच, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष पीयूष व्यास सहित कार्यकारिणी के पदाधिकारी शामिल थे। प्रारंभ में पं. योगेश शास्त्री सहित 11 पंडितों के वेद मंत्रोच्चार के बीच महासभा प्रदेशाध्यक्ष पं. योगेश दाधीच ने अशोक गहलोत को माल्यार्पण कर, दुपट्टा ओढ़ाकर एवं दधीची ऋषि का चित्र भेंट कर दाधीच समाज द्वारा बधाई दी एवं अभिनंदन किया।

विधानसभा सत्र एक जनवरी से

Dec 21, 11:23 pm
जयपुर, राज्य विधानसभा का सत्र एक जनवरी से बुलाया गया है। राज्यपाल एसके सिंह ने विधानसभा सत्र बुलाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पहले विधानसभा सत्र 7 जनवरी से बुलाने की चर्चा थी। सत्र में अशोक गहलोत सरकार विश्वासमत हासिल करेगी। सत्र में पूर्व राज्यपाल नव निर्वाचित वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाएंगे। प्रोटेम स्पीकर पहले सत्र की शुरुआत में नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे और बाद में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस सत्र के चार-पांच दिन चलने की उम्मीद है। इसके बाद सदन की कार्यवाही कुछ दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी। बजट सत्र फरवरी में शुरू होगा।

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस

Dec 21, 11:23 pm
जयपुर, सत्ता संभालने के एक सप्ताह बाद ही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले संगठन को चुस्त दुरुस्त करना चाहती है। इस लिहाज से 26 दिसंबर को जिला अध्यक्षों एवं ब्लाक अध्यक्षों का सम्मेलन बुलाया गया है।
सम्मेलन में पांच जनवरी से शुरू हो रहे मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के काम को लेकर जिम्मेदारी दी जाएगी। जिला अध्यक्षों से लोकसभा चुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम की चर्चा करने के साथ ही जिन क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नही मिली। वहां अधिक ध्यान देने को कहा जाएगा। सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक, राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी मौजूद रहेंगे। जिला अध्यक्षों और ब्लाक अध्यक्षों से उनके क्षेत्र के जनहित के कार्यो के बारे में भी जानकारी मांगी जाएगी। सरकार के माध्यम से इन कार्यो को कराया जाएगा।
जिला अध्यक्षों एवं ब्लाक अध्यक्षों से सरकार में कार्यकर्ताओं के काम कराने को लेकर भी निर्देश दिए जाएंगे। इस सम्मेलन के बाद प्रदेश पदाधिकारियों एवं विधायकों की बैठक होगी। इस बैठक का उद्देश्य भी लोकसभा चुनाव की तैयारियां ही रहेगा। विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद विधायकों से अपने इलाकों में ध्यान देने के लिए कहा जाएगा।

कर्मचारियों को मिलेगा अब विशेष भत्ता

Dec 21, 11:23 pm
जयपुर, वित्ता विभाग ने एक परिपत्र जारी कर विभिन्न अधिकारियों-कर्मचारियों को छठे वेतनमान से पहले मिलने वाले विशेष वेतन को विशेष भत्तो में तब्दील कर दिया है। राज्य में छठा वेतनमान लागू करने के बाद सचिवालय सेवा सहित विभिन्न सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलने वाले विशेष वेतन को खत्म कर दिया गया है। अब विशेष वेतन की मद में विशेष भत्ता ही मिलेगा। विभाग ने सभी सरकारी विभागों को परिपत्र भेजकर विशेष वेतन पाने वाले कर्मियों की जानकारी मांगी है। तब तक किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को विशेष ध्यान वेतन के नाम पर कोई राशि जारी नहीं होगी। वित्ता विभाग के पास जानकारी भेजने के बाद ही विशेष वेतन के स्थान पर विशेष भत्ता जारी होगा।