सोमवार, 23 मार्च 2009

फिल्मों के माध्यम से वोट हासिल करने में जुटी कांग्रेस

Mar 22, 12:03 am

जयपुर, : कांग्रेस अब फिल्मों और इलेक्ट्रॉनिक प्रचार माध्यमों के जरिये लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने में जुटी है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शूटिंग की जा रही है। यह फिल्में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का प्रमुख प्रचार माध्यम हो सकती है। फिल्मों में कांग्रेस अपने कार्यालयों, यहां होने वाली गतिविधियों, गांवों और शहरों में कराए जा रहे विकास के दृश्यों को शामिल कर रही है। इस कड़ी के तहत पिछले दो दिन में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा गांधी भवन में कई दृश्य फिल्माए गए। इससे एक दो दिन पहने इस फिल्म बनाने वाली कंपनी ने जयपुर के आसपास के गांवों में भी शूटिंग की। इसमें कांग्रेस के झंडे और बैनरों का उपयोग किया गया। कंपनी को यह फिल्म बनाने के लिए कांग्रेस ने टेंडर के जरिये चुना है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रचार का जिम्मा इसी कम्पनी के पास है। राजस्थान सहित अभी कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में इस कंपनी ने प्रचार-प्रसार का काम किया था। कांग्रेस ने हाल ही में दिल्ली में ऑस्कर विजेता स्लमडॉग मिलेनियर फिल्म की तर्ज पर पार्टी का गीत बनवाकर सीडी जारी की है। इसमें भी कांग्रेस को आम आदमी के भविष्य को संवारने वाली पार्टी बताया गया था। यह फिल्म इन दिनों दूरदर्शन के राष्ट्रीय प्रसारण पर भी दिखाई जा रही है।





गहलोत सरकार के सौ दिन पूरे, कई घोषणाएं

Mar 22, 12:04 am

जयपुर

राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने एक सौ दिन के कार्यकाल में जहां बिजली की दरें पांच साल तक नहीं बढ़ाने और गृहकर माफी की घोषणा कर आम जनता का दिल जीतने का प्रयास किया। वहीं कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आलोचना भी सहन करनी पड़ी। राज्य की दूसरी बार सत्ता संभालने वाले गहलोत ने 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और रविवार को उनके कार्यकाल के एक सौ दिन पूरे हो रहे हैं।

सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में जारी किए गए घोषणा-पत्र को आधार बना कर एक सौ दिन की कार्य योजना तैयार कराई। अफसरों को घोषणा-पत्र थमाकर दो दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण फैसले किए। राज बदलने का अहसास कराने के लिए प्रशासन में आमूलचूल फेरबदल करने की रणनीति के तहत 24 आदेश जारी कर 180 आईएएस अफसरों के तबादले करने के साथ ही 18 आदेश निकाल कर 115 आईपीएस अधिकारियों को बदला गया। इसी तरह से राज्य प्रशासनिक सेवा के 640 अफसरों के तबादले करने के साथ ही निचले स्तर तक राज बदलने का अहसास कराने के लिए विभिन्न विभागों में तबादलों से रोक हटाई गई। तबादलों में कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं की सिफारिशें मानकर उन्हें खुश किया गया। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करने के साथ 13 दिसंबर से राज्य सरकार ने काम करना शुरू किया। सौ दिवसीय कार्ययोजना तैयार की गई। इस बीच 2 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई। इस प्रकार सरकार को सौ के स्थान पर मात्र 80 दिन ही काम करने का मौका मिला। सरकार के सौ दिन के कार्यकाल के दौरान भाजपा के प्रमुख नेताओं व अन्य लोगों की शिकायत पर पूर्व सरकार के कामों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन करने पर विवाद हुआ। इसी प्रकार निजी शिक्षण संस्थाओं की ओर से शुल्क बढ़ाने पर भी कमेटी बनाई गई, जो कि तमाम विवाद के बीच अब तक निर्णय नहीं कर पाई है। सौ दिवसीय कार्यकाल के दौरान दो बार सरकार को गोली चलानी पड़ी। इस दौरान प्रमुख रूप से बसपा नेता वीरेंद्र न्यांगली की हत्या का विवाद सबसे लंबा चला, जिस पर अब भी विरोध प्रदर्शन जारी है। इसके अलावा सड़क हादसों, चोरी, लूट व हत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। सौ दिन में सरकार में दो बार शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर 13 कैबिनेट व 11 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव भी बनाया गया।

उपलब्धियां

- शराब की दुकानों के खुलने का समय घटाया, धार्मिक व सामाजिक स्थलों से दुकानें हटवाईं।

- शराब की दुकानों की संख्या में कमी।

-मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष के तहत बीपीएल को निशुल्क चिकित्सा।

- किसानों की बिजली की दरें पांच साल तक नहीं बढ़ाने का निर्णय।

- 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए नए पावर प्लांट।

- गन्ना खरीद की कीमत बढ़ाई

-गृहकर माफी चुनाव बाद

- वार्षिक योजना 17300 करोड़ रुपये

- चतुर्थ श्रेणी व अन्य कर्मचारियों की। एक से छह स्केल की भर्ती पर रोक हटाई

- शिक्षा के तहत 11 जिलों में रेडियो के माध्यम से साक्षर करने का अभियान।

-16 हजार शिक्षकों की भर्ती की तैयारी।