जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दोबारा सत्ता संभालने के बाद पहली बार जब उन्होंने बांसवाड़ा की सरजमीं पर पैर रखा। उनके आगमन पर भव्य स्वागत से आदिवासी क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल नजर आया। जैसे ही मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से अनास नदी के मुहाने पर बने हेलीपेड पर उतरे, हजारों ग्रामीणों ने हर्ष ध्वनि और उमंग के साथ उनकी जोशपूर्ण अगवानी की। बड़ी संख्या में ढोल-कुंडिया
,शहनाइयों और लोक वाद्यों की कर्णप्रिय गूंज और जय -जयकार के साथ उनका भावभीनी स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हाथ लहरा कर सैकड़ों ग्रामीणों का अभिवादन किया। मौका था अनासपार की ग्राम पंचायतों के लोगों के लिए आवागमन की सुविधा के लिए गांगड़तलाई में अनास नदी पर बनने वाले पुल के शिलान्यास का। ग्रामीणों की बरसों पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है। मुख्यमंत्री दोपहर बाद एक बजे हेलीकाप्टर से नांगड़तलाई हैलीपेड पर पहुंचे। उनके साथ पूर्व मंत्री डॉ. सीपी जोशी भी थे। उन्होंने चार करोड़ 27 लाख 85 हजार की लागत से बनने वाले इस पुल का शिलान्यास किया। अनासपार की ग्राम पंचायतों में रहने वाले लोगों के लिए आवागमन और यातायात की सहज सुविधा के द्वार खुलने की खुशी इन ग्रामीणों के चेहरों पर साफ नजर आ रही थी। आदिवासी क्षेत्रों में गांवों और पहाड़ों से होकर आदिवासी समूहों में लोक वाद्य बजाते, गाते थिरकते हुए पहुंचे। अनास नदी के मुहाने हुए कार्यक्रम में नदी के दोनों तटों की ओर बसे गांवों के लोगों का मेला जुट गया। सभास्थल के चारों तरफ की पहाड़ियों पर भी जन समुदाय उमड़ पड़ा। पुल की सुविधा से वंचित दूसरी ओर के गांवों के ग्रामीण पानी में उतर कर नदी पार कर समारोह स्थल तक पहुंचे। मुख्यमंत्री की अगवानी प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री महेन्द्र जीत सिंह मालवीया ने की। विधायक अर्जुन सिंह बामनिया एवं कान्ता गरासिया, समाजसेवी अभय सिंह भगत, दिनेश खोड़निया सहित बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधियों के साथ प्रशासन की ओर से जिला कलक्टर विकास एस.भाले तथा जिला पुलिस अधीक्षक एनएल मौर्य ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। हेलीपैड पर मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित किया तथा इसके बाद दोपहर पौने दो बजे हेलीकाप्टर से बांसवाड़ा के लिए प्रस्थान कर गए
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2 घंटे पहले
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