मंगलवार, 23 दिसंबर 2008

सम्भाल ली कुर्सी



जयपुर । महमकमे आवंटित होने के बाद अधिकतर केबिनेट एवं अन्य मंत्रियों ने सोमवार को सचिवालय में कुर्सी सम्भाल ली। मंत्रियों के आने की सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों ने मालाओं और गुलदस्तों से उनका स्वागत किया। कुछ मंत्रियों ने अपने विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक कर विभागीय कामकाज के बारे में जानकारी की।
विभाग आवंटित होने के बाद सोमवार को पहला कामकाजी दिन था। हालांकि, यह दिन अधिकारी, कर्मचारी और मिलने वालों के साथ ही बीत गया। सम्बंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों में अपने नए मंत्री के स्वागत करने का जोश था। कोई समूह में तो कोई अकेले गुलदस्ता-फूल माला लेकर पहुंचा और बधाई दी। कुछ ने अपनी समस्याएं सुनाईं। सचिवालय के बाहर व गलियारों में खासी रौनक दिखाई दी, जो पिछले दिनों नहीं दिख रही थी।
सबसे पहले पहुंचे काक व धारीवाल
सचिवालय में सबसे पहले पर्यटन मंत्री बीना काक और उद्योग मंत्री शांति धारीवाल पहुंचे। दोनों ने लोगों से मिलने के साथ ही अपने विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और विभाग की स्थिति की जानकारी ली। इनके कुछ देर बाद ही राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, जनजाति विकास मंत्री महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, कृषि मंत्री हरजीराम बुरडक और परिवहन मंत्री बृजकिशोर शर्मा भी सचिवालय पहुंचे। श्रम व स्कूल शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल दोपहर बाद तीन बजे सचिवालय आए। 
ये नहीं आए
चिकित्सा मंत्री एमादुद्दीन खान अहमद, सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा, पंचायतराज मंत्री भरत सिंह, सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में होने के कारण सचिवालय नहीं पहुंचे। जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा और खादी व ग्रामोद्योग राज्य मंत्री श्रीमती गोलमा देवी भी सचिवालय नहीं पहुंचीं। 
मंत्रियों से प्राथमिकता को लेकर बातचीत
ऎसी बस जिसमें कांच नहीं हो या सीट खराब हो, नहीं चलेंगी। एक हफ्ते में दुरूस्त करने के निर्देश दे दिए हैं। अवैध वाहनों की रोकथाम चुनौती होगा। सरकार वृद्धों, दफ्तर जानेवाली महिलाओं और कॉलेज-स्कूल के विद्यार्थियों को बेहतर परिवहन व रियायतें देने के बारे में सोचेगी। ओवलोडिंग रोकी जाएगी, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आ सके। किराया कम हो सकता है या नहीं, इसके लिए वित्त आदि विभागों से सलाह ली जाएगी। शहर में बडी बसों से यातायात बाधित होता है, इस दिशा में भी सोचा जाएगा। संस्कृत भाषा के प्रति लोगों का लगाव बढ रहा है, इसके प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करना उद्देश्य होगा
बृज किशोर शर्मा, परिवहन और संस्कृत शिक्षा मंत्री
कृषि लागत बढ गई है। महंगाई के हल्ले में खाद, बीज, दवाएं आदि की दरें बढ गईं। अब इन्हें किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नियंत्रित करना है। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि किसानों के हित में उत्पादन मूल्य भी बढे। पशुओं की नस्ल सुधार के लिए काम किया जाएगा। गायों की संख्या में कमी हो गई है, जिससे पर्यावरण संतुलन बिगड गया है। इस क्षेत्र में भी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है।
हरजीराम बुरडक, कृषि एवं पशुपालन मंत्री
पर्यटन क्षेत्र का संरक्षण वैसा ही होगा, जैसा उसे दिखना चाहिए। पर्यटकों के आतिथ्य के साथ-साथ सुरक्षा देना प्राथमिकता होगी। सरकार का मानना है कि पर्यटक अपने आप को टैक्सी, होटल व पर्यटन स्थलों पर सुरक्षित महसूस करे। राजस्थान पर कोई दाग न लगे और किसी भी पर्यटक के साथ कोई हादसा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इधर, महिलाओं को सशक्त किया जाएगा और ध्यान देंगे कि बच्चे कुपोषण का शिकार न हों।
बीना काक, पर्यटन व महिला एवं बाल विकास मंत्री
राज्य में शिक्षा के गिरते स्तर को ठीक किया जाएगा। हम पेरा टीचर्स को प्रबोधक बनाकर जिले से बाहर भेजने जैसा काम नहीं करेंगे। शिक्षकों के तबादले भी इस तरह किए जाएंगे कि किसी स्कूल में ताले नहीं लगे। भाजपा सरकार ने अगर पाठ्यक्रम में कोई बदलाव किया है तो इसकी समीक्षा की जाएगी। मेरी इच्छा है कि प्राथमिक व उ“ा प्राथमिक स्कूलों को पंचायतीराज को दिया जाए, भले उनका विभाग शिक्षा ही रहे, फैसला तो मंत्रिमंडल को करना है। 
मास्टर भंवर लाल मेघवाल, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री
रिसर्जेüट राजस्थान में जो कुछ हुआ, उसे दिखवाऊंगा और ऎसा वातावरण बनाने का प्रयास करूंगा कि राजस्थान से अधिक से अधिक उद्योग आएं और निवेश का वातावरण बने। राजस्थान से अब तक दूर रहे प्रवासियों को भी यहां से जोडने की कोशिश होगी।शांति धारीवाल, उद्योग मंत्री
किसानों को अपने खेतों में जाने व पानी ले जाने के लिए रास्ता देने के नियम बनाए जाएंगे। उनकी प्राथमिकता यह भी रहेगी। किसानों की राजस्व सम्बंधी समस्याओं को निपटाया जाएगा।
हेमाराम चौधरी,राजस्व मंत्री
मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र का पूरा बजट खर्च होना चाहिए, बल्कि स्थिति यह होनी चाहिए कि हमें केन्द्र से और पैसा मांगना पडे। जहां तक आईआईटी का मामला है, मैं यह देखूंगा कि इसकी सम्भावनाएं और कहां हैं। 
महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, जनजाति विकास क्षेत्र और तकनीकी शिक्षा मंत्री
अलवर के साथ ही पूरे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर ध्यान दूंगा। क“ाी शराब के अवैध धन्धे में लिप्त लोगों का बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा संस्थानों व उद्योगों को बढावा दिया जाएगा।
एमामुद्दीन अहमद, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री 
आम आदमी को सहकारिता से जोडने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा सहकारी बैंको को मजबूत बनाना, सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को ऋण उपलब्ध कराना, किसानो को समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराना, ग्राम सहकारी समिति में पारदर्शिता रखना एवं उपभोक्ताओं को भी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकताओं में रहेगी।
परसादी लाल मीणा, सहकारिता मंत्री
अधिकारी बैठकों में आवश्यक रूप से उपस्थित हो इसके लिए मैं बिना पूर्व सूचना के कहीं भी किसी भी बैठक में जाऊंगा जिससे कि अधिकारी बैठकों में तय समय पर उपस्थित रहें और पूरी तैयारी से आएं। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि पंचायत राज के छोटे से छोटे व्यक्ति की समस्या का निराकरण हो। ग्रामीण विकास के लिए प्राप्त होने वाले करोडों रूपए का लाभ आमजन तक पहुंचे। 
भरत सिंह, पंचायतराज मंत्री
चुनौतियां
परिवहन विभाग
*अवैध वाहनों के संचालन की रोकथाम। खासकर कंडम जीप व जुगाड।*सवारियों व माल की ओवरलोडिंग पर रोकथाम *राजमार्गो व शहरों में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना। *रोडवेज को घाटे से उबारना, पर्याप्त परिवहन साधन। *शहरी परिवहन को व्यवस्थित करना।
कृषि एवं पशुपालन विभाग
*कृषि विस्तार कार्यक्रम को मजबूत करना, नए अनुसंधानों को खेतों तक पहुंचाना।*खाद व गुणवत्ता वाले बीजों की उचित व्यवस्था। *कम्पनियों और विभाग के बीच कमीशनखोरी बंद कर किसानों के हित को अहमियत देना। *पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों व पशुधन सहायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करना।*नस्ल सुधार के तहत विशेष कार्यक्रम चलाना।
पर्यटन विभाग
*पिछले दिनों विदेशी पर्यटकों पर हुए हमलों को देखते हुए पर्यटन क्षेत्रों पर सुरक्षा का माहौल देना। *पिंक सिटी जयपुर, शेखावाटी, हाडोती, मेवाड, मारवाड आदि क्षेत्रों की हवेलियों का जीर्णोद्धार व इन क्षेत्रों का पर्यटन के लिहाज से विकास। *पर्यटकों की ठहरने आदि की सुविधाओं के लिए होटल नीति का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन।*पर्यटन पुलिस व्यवस्था को सुदृढ करना।
शिक्षा
*स्कूलों के लिए पर्याप्त शिक्षक, भवन व अन्य सुविधाएं। *गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षकों के खाली पद भरना। *बच्चों को परीक्षाओं में अंकों के लिए कडी प्रतिस्पर्द्धा से उत्पन्न मानसिक तनाव से बचाना। *राज्य में अधिक से अधिक प्रतिष्ठित उ“ा शिक्षण संस्थानों की स्थापना।
पेयजल एवं सिंचाई
*मौजूदा पेयजल एवं सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करना। *मौजूदा सिंचाई तंत्र का पुनरोद्धार। *पर्याप्त एवं स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति। *जल संरक्षण व सतही पानी के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करना, स्प्रिंकलर व बूंद-बूंद सिंचाई को बढावा। *रावी-व्यास, यमुना व नर्मदा के हिस्से का पूरा पानी लेना, इंदिरा गांधी नहर को पूरा करना।
स्वास्थ्य 
*स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच सुविधाओं का विस्तार। *नीम-हकीमों पर रोक व चिकित्सकों की अस्पताल से बाहर प्रेक्टिस पर नियंत्रण। *नकली दवाओं की बिक्री पर निगरानी। *चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों की कमी दूर करना, उनके रिहाइश का इंतजाम। *मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर पर काबू।
ग्रामीण विकास व पंचायती राज
*पंचायती राज संस्थाओं को धन, कार्य व स्टाफ का हस्तांतरण। *ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक सुविधाओं का विस्तार। *ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को अनियमितता की छाया से बचाए रखना। *पंचायती राज के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाना। *पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी बढने पर उनको अफसरशाही के चंगुल से बचाना।
राजस्व विभाग 
*निजी संस्थाओं को भू-आंवटन के नए नियम बनाना। *नए काश्तकारी अधिनियम को लागू कराना। *किसानों की राजस्व सम्बंधी समस्याओं के निपटारे के लिए मजबूत व्यवस्था। *शहरी निकायों को शहरों से सटी जमीनों का आवंटन कर राजस्व बढाना।

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