बीकानेर । छात्राओं को वितरित की जाने वाली साइकिल से "भगवा" रंग हटाना अब राज्यसरकार के लिए महंगा पडेगा। साइकिल निर्माता कम्पनी ने इसके लिए 32 लाख रूपए की मांग रखी है। प्रदेशभर के सरकारी विद्यालयों में दसवीं कक्षा में पढ रही छात्राओं को भाजपा सरकार ने भगवा रंग की साइकिलें वितरित की थी।
सत्ता बदलने के साथ ही कांग्रेस सरकार ने इनके वितरण पर रोक लगा दी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने साइकिल कम्पनी एटलस को राज्यभर में जगह-जगह रखी साइकिलों को पुन: एकत्र कर नए रंग में देने का आग्रह किया था। एटलस ने यह आग्रह स्वीकार तो कर लिया लेकिन इसके बदले 32 लाख रूपए मांगे हैं।
निदेशालय ने छह हजार वंचित छात्राओं के लिए साइकिल की मांग रखी है। कम्पनी स्तर पर ही इनका रंग बदलने के लिए अब दो सौ रूपए प्रति साइकिल अतिरिक्त मांगे जा रहे हैं जबकि राज्य के विभिन्न जिलों व तहसीलों में रखी साइकिलों का रंग बदलने के लिए चार सौ रूपए प्रति साइकिल अतिरिक्त मांगे हैं। ऎसे में करीब 32 लाख रूपए का अतिरिक्त खर्च सरकार पर पडेगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने कम्पनी का यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजकर स्वीकृति मांगी है। अगर शिक्षा मंत्री ने रंग बदलने की स्वीकृति दी तो प्रति नई साइकिल 2263 रूपए और पुरानी साइकिल का रंग बदलने पर 2463 रूपए लागत आएगी। अब तक प्रति साइकिल 2063 रूपए में खरीदी गई है।
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